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Aarti

शिव चालीसा Shiv Chalisa Lyrics Hindi

लेखक: Adminश्रेणी: Aartiप्रकाशित: March 30, 2020

Shiv Chalisa Lyrics in Hindi

॥ दोहा ॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।

कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥

 

॥ चौपाई ॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥

मैना मातु की हवे दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥

वेद माहि महिमा तुम गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । जरत सुरासुर भए विहाला ॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥

सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट ते मोहि आन उबारो ॥

मात-पिता भ्राता सब होई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु मम संकट भारी ॥

धन निर्धन को देत सदा हीं । जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । शारद नारद शीश नवावैं ॥

नमो नमो जय नमः शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

जो यह पाठ करे मन लाई । ता पर होत है शम्भु सहाई ॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥

पुत्र होन कर इच्छा जोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा । ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥

 

॥ दोहा ॥

नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा ।

तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश ॥

मगसिर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान ।

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥

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ॐ जय शिव ओंकारा Lord Shiva Aarti Lyrics Hindi

लेखक: Adminश्रेणी: Aartiप्रकाशित: March 30, 2020

Lord Shiva Aarti Lyrics in Hindi

ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा

ॐ जय शिव ओंकारा

ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा

ॐ जय शिव ओंकारा

 

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे

स्वामी पञ्चानन राजे

हंसासन गरूड़ासन

हंसासन गरूड़ासन

वृषवाहन साजे

ॐ जय शिव ओंकारा

 

दो भुज चार चतुर्भुज, दसभुज ते सोहे

स्वामी दसभुज ते सोहे

तीनों रूप निरखता

तीनों रूप निरखता

त्रिभुवन मन मोहे

ॐ जय शिव ओंकारा

 

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी

स्वामी मुण्डमाला धारी

चन्दन मृगमद चंदा

चन्दन मृगमद चंदा

भोले शुभ कारी

ॐ जय शिव ओंकारा

 

श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघाम्बर अंगे

स्वामी बाघाम्बर अंगे

ब्रह्मादिक संतादिक

ब्रह्मादिक संतादिक

भूतादिक संगे

ॐ जय शिव ओंकारा

 

कर मध्ये च’कमण्ड चक्र त्रिशूलधरता

स्वामी चक्र त्रिशूलधरता

जग कर्ता जग हरता

जग कर्ता जग हरता

जगपालन करता

ॐ जय शिव ओंकारा

 

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव जानत अविवेका

स्वामी जानत अविवेका

प्रनाबाच्क्षर के मध्ये

प्रनाबाच्क्षर के मध्ये

ये तीनों एका

ॐ जय शिव ओंकारा

 

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ जन गावे

स्वामी जो कोइ जन गावे

कहत शिवानन्द स्वामी

कहत शिवानन्द स्वामी

मनवान्छित फल पावे

ॐ जय शिव ओंकारा

 

ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा

ॐ जय शिव ओंकारा

 

ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा

ॐ जय शिव ओंकारा

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आरती तेरी गाऊं Main Aarti Teri Gaun Lyrics Hindi

लेखक: Adminश्रेणी: Aartiप्रकाशित: March 30, 2020

Main Aarti Teri Gaun Lyrics in Hindi

मैं आरती तेरी गाऊं

ओ केशव कुंज बिहारी

मैं आरती तेरी गाऊं

ओ केशव कुंज बिहारी

मैं नित नित शीश नवाऊं

ओ मोहन कृष्ण मुरारी

मैं नित नित शीश नवाऊं

ओ मोहन कृष्ण मुरारी

 

है तेरी छबी अनोखी

ऐसी ना दूजी देखी

है तेरी छबी अनोखी

ऐसी ना दूजी देखी

 

तुझसा ना सुन्दर कोई

ओ मौर मुकुट धारी

तुझसा ना सुन्दर कोई

ओ मौर मुकुट धारी

 

मैं आरती तेरी गाऊं

ओ केशव कुंज बिहारी

 

जो आये सरण तिहारे

बिपदा मिट जाये सारी

जो आये सरण तिहारे

बिपदा मिट जाये सारी

 

हम सबपर कृपा रखना

ओ जगत के पालन हारे

हम सबपर कृपा रखना

ओ जगत के पालन हारे

 

मैं आरती तेरी गाऊं

ओ केशव कुंज बिहारी

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Shree Hanuman Chalisa Hindi – Hariharan

लेखक: Adminश्रेणी: Aartiप्रकाशित: March 30, 2020

Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

।। श्री हनुमान चालीसा दोहा ।।

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुर सुधारि।

बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥

बुद्धिहीन तनु जानिकै सुमिरौं पवनकुमार।

बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार॥

।। चौपाई ।।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥

राम दूत अतुलित बल धामा।

अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥

महावीर विक्रम बजरंगी।

कुमति निवार सुमति के संगी॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा।

कानन कुंडल कुंचित केसा॥

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।

काँधे मूँज जनेऊ साजै॥

शंकर सुवन केसरी नंदन।

तेज प्रताप महा जग बंदन॥

विद्यावान गुनी अति चातुर।

राम काज करिबे को आतुर॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।

राम लखन सीता मन बसिया॥

सूक्ष्म रूप धरी सियहिं दिखावा।

बिकट रूप धरि लंक जरावा॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे।

रामचन्द्र के काज सँवारे॥

लाय सँजीवनि लखन जियाए।

श्रीरघुबीर हरषि उर लाए॥

रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई।

तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।

अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।

नारद सारद सहित अहीसा॥

जम कुबेर दिक्पाल जहाँ ते।

कबी कोबिद कहि सकैं कहाँ ते॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।

राम मिलाय राजपद दीन्हा॥

तुम्हरो मन्त्र बिभीषन माना।

लंकेश्वर भए सब जग जाना॥

जुग सहस्र जोजन पर भानू।

लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।

जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं॥

दुर्गम काज जगत के जेते।

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥

राम दुआरे तुम रखवारे।

होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥

सब सुख लहै तुम्हारी शरना।

तुम रक्षक काहू को डरना॥

आपन तेज सम्हारो आपै।

तीनौं लोक हाँक ते काँपे॥

भूत पिशाच निकट नहिं आवै।

महाबीर जब नाम सुनावै॥

नासै रोग हरै सब पीरा।

जपत निरंतर हनुमत बीरा॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै।

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥

सब पर राम तपस्वी राजा।

तिन के काज सकल तुम साजा॥

और मनोरथ जो कोई लावै।

सोहि अमित जीवन फल पावै॥

चारों जुग परताप तुम्हारा।

है परसिद्ध जगत उजियारा॥

साधु संत के तुम रखवारे।

असुर निकंदन राम दुलारे॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।

अस बर दीन्ह जानकी माता॥

राम रसायन तुम्हरे पासा।

सदा रहो रघुपति के दासा॥

तुम्हरे भजन राम को पावै।

जनम जनम के दुख बिसरावै॥

अंत काल रघुबर पुर जाई।

जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥

और देवता चित्त न धरई।

हनुमत सेइ सर्व सुख करई॥

संकट कटै मिटै सब पीरा।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥

जय जय जय हनुमान गोसाईं।

कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥

जो शत बार पाठ कर कोई।

छूटहि बंदि महा सुख होई॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।

होय सिद्धि साखी गौरीसा॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा।

कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥

।। श्री हनुमान चालीसा दोहा ।।

पवनतनय संकट हरन मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप॥

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आरती हनुमान लला की Hanuman Aarti Lyrics Hindi

लेखक: Adminश्रेणी: Aartiप्रकाशित: March 30, 2020

Hanuman Aarti Lyrics in Hindi


आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की

जाके बल से गिरिवर कांपे
रोग दोष जाके निकट न झांके

अंजनि पुत्र महा बलदाई
सन्तन के प्रभु सदा सहाई

आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की

दे बीरा रघुनाथ पठाए
लंका जायी सिया सुधि लाए

लंका सो कोट समुद्र सीखाई
जात पवनसुत बार न लाई

आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की

लंका जारि असुर संहारे
सियारामजी के काज सवारे

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे
आनि संजीवन प्राण उबारे

आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की

पैठि पाताल तोरि जम कारे
अहिरावण की भुजा उखारे

बाएं भुजा असुरदल मारे
दाहिने भुजा संत जन तारे

आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की

सुर नर मुनि आरती उतारें
जय जय जय हनुमान उचारें

कंचन थार कपूर लौ छाई
आरती करत अंजनी माई

आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की

जो हनुमानजी की आरती गावे
बसि बैकुण्ठ परम पद पावे

लंक बिध्वंश किन्ही रघुराई
तुलसी दस स्वामी आरती गाई

आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की

आरती कीजै हनुमान लला की

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ॐ जय जगदीश हरे Om Jai Jagadish Hare Aarti Hindi

लेखक: Adminश्रेणी: Aartiप्रकाशित: March 29, 2020

Om Jai Jagadish Hare Hindi


ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे
जो ध्यावे फल पावे
दुःखबिन से मन का
स्वामी दुःखबिन से मन का
सुख सम्पति घर आवे
सुख सम्पति घर आवे
कष्ट मिटे तन का
ॐ जय जगदीश हरे

मात पिता तुम मेरे
शरण गहूं किसकी
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी
तुम बिन और न दूजा
तुम बिन और न दूजा
आस करूं मैं जिसकी
ॐ जय जगदीश हरे

तुम पूरण परमात्मा
तुम अन्तर्यामी
स्वामी तुम अन्तर्यामी
पारब्रह्म परमेश्वर
पारब्रह्म परमेश्वर
तुम सब के स्वामी
ॐ जय जगदीश हरे

तुम करुणा के सागर
तुम पालनकर्ता
स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख फलकामी
मैं सेवक तुम स्वामी
कृपा करो भर्ता
ॐ जय जगदीश हरे

तुम हो एक अगोचर
सबके प्राणपति
स्वामी सबके प्राणपति
किस विधि मिलूं दयामय
किस विधि मिलूं दयामय
तुमको मैं कुमति
ॐ जय जगदीश हरे

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता
ठाकुर तुम मेरे
स्वामी रक्षक तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ
अपने शरण लगाओ
द्वार पड़ा तेरे
ॐ जय जगदीश हरे

विषय-विकार मिटाओ
पाप हरो देवा
स्वमी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
सन्तन की सेवा
ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे

Om Jai Jagadish Hare Lyrics English

Om jai jagadish hare
swami jai jagadish hare
bhakt jano ke sankat
daas jano ke sankat
kshan men door kare
om jai jagadish hare

jo dhyaave phal paave
dukh bin se man kaa
swami dukh bin se man kaa
sukh sampati ghar ave
sukh sampati ghar ave
kasht mite tan kaa
om jai jagadish hare

maat pita tum mere
sharan kahoon kiski
swami sharan kahoon kiski
tum bin aur na dooja
tum bin aur na dooja
aas karoon jiski
om jai jagadish hare

tum pooran paramatma
tum antaryami
swami tum antaryami
paar brahm parameshwar
paar brahm parameshwar
tum sabke swami
om jai jagadish hare

tum karuna ke saagar
tum paalan karta
swami tum paalan karta
main moorakh khalakhami
main sevak tum swami
kripa karo bharta
om jai jagadish hare

tum ho ek agochar
sab ke praan pati
swami sab ke praan pati
kis vidhi miloon dayamaya
kis vidhi miloon dayamaya
tum ko main kumati
om jai jagdish hare

deen bandhu dukh harta
thaakur tum mere
swaami rakhshak tum mere
apne haath uthao
apni sharan lagao
dwaar padha tere
om jai jagadish hare

vishay vikaar mitaao
paap haro deva
swami paap haro deva
shradha bhakti badhao
shradha bhakti badhao
santan ki seva
om jai jagadish hare

om jai jagadish hare
swami jai jagadish hare
bhakt jano ke sankat
daas jano ke sankat
kshan men door kare
om jai jagadish hare

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